उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दिल्ली आ रहे हजारों किसानों को शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया। उन्होंने 11 सितंबर को गन्ना के बकाया भुगतान और कर्जमाफी समेत 15 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली के लिए पद यात्रा शुरू की थी। दिल्ली में घुसने से पहले ही पुलिस और सुरक्षाबलों ने उन्हें नेशनल हाईवे 24 स्थित बॉर्डर से आने नहीं बढ़ने दिया। इसबीच, भारतीय किसान संगठन के 11 प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें 5 मांगों पर सहमति बनने पर किसानों ने आंदोलन को फिलहाल टाल दिया है।
संगठन के नेता ने पूरन सिंह ने कहा, “सरकार ने हमारी 15 में से पांच मांगें मान ली हैं। हमने आंदोलन को खत्म नहीं किया है बल्कि फिलहाल इसे टाल दिया है। अपनी शेष मांगों को लेकर 10 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यदि सरकार सभी मांगें मानती है तो आंदोलन खत्म कर देंगे। ऐसा नहीं होता है तो सहारनपुर से फिर आंदोलन शुरू करेंगे।”
बातचीत सफल न होने पर किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया था
इससे पहले, सरकार के साथ बातचीत सफल नहीं रहने पर किसानों ने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। दिल्ली जाने से रोके जाने पर एक किसान ने कहा कि हम किसानों को किसान घाट (पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के समाधि स्थल) जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जाती? क्या धारा 144 लागू है? सरकार किसानों को खत्म कर रहे हैं।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराना चाहते हैं किसान
किसान की 15 सूत्रीय मांगों में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना भी शामिल है। स्वामीनाथन कमेटी ने सरकार से किसानों को उनकी लागत मूल्य का 50 फीसदी मुनाफा देने की सिफारिश की थी। इसके अतिरिक्त, फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने, सस्ती दरों पर बिजली और डीजल पर सब्सिडी बढ़ाने की बात भी कही गई थी।
आंदोलन के चलते नेशनल हाईवे-24 पर लंबा जाम लगा
किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली-उप्र बॉर्डर के पास गाजीपुर फ्लाईओवर पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। नोएडा और गाजियाबाद की ओर जाने वाले यात्री घंटों तक जाम में फंसे रहे। नेशनल हाईवे-24 पर निजामुद्दीन की ओर आने वाला यातायात भी बाधित रहा।